Monday, January 31, 2011

टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक... (31st Jan 2011)


टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...

चूल्हे पर उबल रहा था दाल...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
आँगन पर रो रहा था तीन साल का नंग्तु...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
माँ परेशानी में भी गुंध रही थी आटा...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
खाना पक रहा था रसोई में...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
भूख से व्याकुल नंग्तु आंसू बहाए जा रहा था..
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
क्यों नहीं आये अभी तक वो खेत से...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...

समय...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...

दाल में छोंक लगा रही थी माँ...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
नंग्तु के रुन्दन से परेशान माँ...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
दौड़ता हुआ गाँव का एक बालक ...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
हांफता हुआ नंग्तु के घर आया...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
काकी, ओह काकी पुकारता...
टिक टॉक, टिक टॉक, टिक टॉक...
माँ साड़ी में हाथ पोंछती दरवाज़े पर...
टिक टॉक-टिक टॉक-टिक टॉक...

समय की रफ़्तार इतनी तेज़
टिक टॉक-टिक टॉक-टिक टॉक...

पहले कभी महसूस नहीं की माँ ने...
टिक टॉक-टिक टॉक-टिक टॉक...
बालक हांफता हुआ, काकी-काका...
समय थम सा जाता है...
टिक...टॉक......टिक......टॉक..........टिक........टॉक...
क्या हुआ रे श्यामू काका को...
टिक टॉक-टिक टॉक-टिक टॉक...
काका शेत मदे पडले आहे काकी...
टिक...टॉक......टिक......टॉक..........टिक........टॉक...

--- स्वरचित --- 

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